झारखंड विधानसभा चुनाव के राजनीतिक गुणा-भाग का दौर शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव के नतीजे की पैमाइश के आधार पर यह कहा जाने लगा है कि विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दल का पलड़ा फिलहाल भारी दिखता है. इसी के मद्देनजर बीजेपी मिशन 65 प्लस का टारगेट लेकर चल रही है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार यह कहा जा रहा है कि झारखंड की 81 सीटों में से बीजेपी-आजसू को 63, विपक्ष को सिर्फ18 सीटें मिल सकती हैं. लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों में से बीजेपी-आजसू गठबंधन के खाते में 12 सीटें गई थीं. उसी आधार पर सीटों का आकलन किया जा रहा है.
इन चुनावों में विपक्षी महागठबंधन के खाते में सिर्फ 2 सीटें गई थीं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 50.96, कांग्रेस को 15.63, झामुमो को 11.51, झाविमो को 5.02 और आजसू को 4.33 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी लोकसभा चुनाव के इसी ट्रेंड को आधार बनाकर विधानसभा चुनावों के लिए 65 सीटों का लक्ष्य तय करते हुए अबकी बार 65 पार का नारा भी दिया है.
हालांकि, इतिहास गवाह है कि झारखंड विधानसभा चुनावों के परिणाम हमेशा से ही लोकसभा चुनावों के परिणामों से अलग रहे हैं. चुनावी जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव का ट्रेंड भले ही बीजेपी को बढ़त दिखा रहा हो, लेकिन इन चुनावों में जिस तरह से विपक्षी दलों का वोट प्रतिशत बढ़ा है, वह सत्ता पक्ष की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. ऐसे में बीजेपी-आजसू की जोड़ी विधानसभा चुनावों में इस बार क्या लोकसभा के चुनाव परिणाम दोहरा पाएगी सबकी निगाहें इसी पर लगी हुईं हैं? बीजेपी उत्साहित है, लेकिन देखना यह होगा कि उत्साह परिणाम में कितना तब्दील होंगे? यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा