रोहित शेखर तिवारी की हत्या मामले में गिरफ्तार की गई उनकी पत्नी एवं पेशे से वकील अपूर्वा अजीब व्यवहार कर रही हैं. पुलिस ने बताया कि कभी वह अपनी हरकत पर पछतावा जताती हैं और कभी घटना के बारे में एकदम उदासीन प्रतीत होती हैं. पुलिस अधिकारीयों ने गुरुवार को बताया कि चार दिन तक चली गहन पूछताछ के दौरान वह एक बार भी नहीं टूटी लेकिन ऐसा लगता है कि वह 15-16 अप्रैल की रात को तिवारी का गला घोंटने को लेकर अब पछता रहीं हैं. अपूर्वा ने यह भी दावा किया कि रोहित की मां उज्ज्वला अक्सर उनके बीच दखल देती थी और जिससे दोनों के रिश्ते पर असर पड़ता था. तिवारी की जिस रात हत्या हुई, उस दिन वह और अपूर्वा डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर के कमरे में थे. उस दौरान तिवारी की उसकी भाभी के बीच बढ़ रही नज़दीकियों को लेकर उनके बीच झगड़ा हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने अपने पति से कहा कि उसे उसकी भाभी के साथ उसकी नजदीकी और उनका साथ शराब पीना पसंद नहीं है. तिवारी ने यह कहते हुए उसे चिढ़ाया कि जब वह उत्तराखंड से लौट रहा था तो उसने और उसकी भाभी ने एक ही गिलास में शराब पी. इससे अपूर्वा को गुस्सा आ गया. उसने उसकी गर्दन पकड़ ली और जब उसने चिल्लाने की कोशिश की तो उसने तकिये से उसका गला दबा दिया.'' इस बीच, पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि अपराध शाखा को इंदौर जिला बार एसोसिएशन का 22 अप्रैल को लिखा एक पत्र मिला है. इसमें पुलिस विभाग से अनुरोध किया गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और अपूर्वा को फंसाया ना जाए.
क्राइम ब्रांच ने अपूर्वा के नाखून के नमूने भी लिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या लड़ाई के दौरान तिवारी की त्वचा नाखूनों में फंसी थी या वहां कोई अन्य डीएनए मौजूद था. हालांकि सूत्रों ने बताया कि कोई सुराग मिलने की संभावना कम है क्योंकि नमूने हत्या के कुछ दिनों बाद लिए गए. इस मामले की पहले छानबीन करने वाली दक्षिण जिला पुलिस ने तिवारी को मृत घोषित किए जाने के बाद 16 अप्रैल को कमरा सील कर दिया था. शुरुआत में ऐसा संदेह था कि उनकी मौत स्वाभाविक कारणों से हुई, लेकिन पोस्टमार्टम में यह साफ हो गया कि उनकी तकिये से ‘‘गला घोंटकर'' हत्या की गई. पुलिस ने बताया कि अपूर्वा देर रात करीब एक बजे तिवारी की हत्या करने के बाद कई बार कमरे में गई तो घटनास्थल के साथ छेड़छाड़ करने की संभावना बहुत अधिक है. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने बेडशीट और तकियों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की होगी और सबूत नष्ट करने के लिए कमरा साफ करने की कोशिश की होगी.'' उनके अनुसार, अपूर्वा ने अपने हाथों से तिवारी का गला घोंटा और फिर तकिये का इस्तेमाल किया ताकि वह मदद के लिए ना चिल्ला सके. उसने करीब 14 घंटे तक तिवारी की मौत की बात छिपाए रखी.