वित्तीय संकट में फंसी जेट एयरवेज ने बुधवार रात से अस्थाई तौर पर अपनी सभी उड़ानों को सस्पेंड करने का फैसला किया क्योंकि कंपनी के पास कैश खत्म हो गया है और बैंकों ने उसे और कर्ज देने से इनकार कर दिया है। 26 साल से अपनी सेवाएं दे रही जेट एयरवेज ने आखिरकार अपनी उड़ाने रोक दी हैं। गौर करने वाली बात है कि जेट ने एक दिन में 650 फ्लाइट्स तक का परिचालन किया है। जेट की उड़ानें रुक जाने के बाद अब कंपनी के 16,000 स्थाई और 6,000 कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले एक दशक में किंगफिशर के बाद कामकाज बंद करने वाली जेट दूसरी कंपनी बन गई है। विजय माल्या की किंगफिशर ने साल 2012 में कामकाज बंद किया था।
अब जेट की फ्लाइट्स दोबारा तभी उड़ान भर पाएंगी जबकि कंपनी को एक नया खरीददार मिले जो इसे नए सिरे से शुरू कर सके। जेट ने बुधवार रात अस्थाई तौर पर अपनी सेवाएं बंद करने का ऐलान करते हुए बीएसई की फाइलिंग में लिखा, 'बैंकों या किसी अन्य जरिये से कोई इमरजेंसी फंडिंग नहीं आ रही है। हमारे पास कामकाज जारी रखने के लिए तेल खरीदने या किसी अन्य सेवा के लिए भुगतान करने लायक पैसा भी नहीं है। इसलिए जेट तुरंत अपनी सारी इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स बंद करने पर मजबूर हो गई है। जेट एयरवेज ने अपनी आखिरी उड़ान बुधवार को भरी।'